मात्र 10 साल की उम्र में छत्तीसगढ़ ने देश मे अपनी पहचान बना ली है। इतने कम समय में राज्य ने तरक्की की जिन बुलंदियों को छुआ है वह गौर करने लायक है। अविभाजित मध्यप्रदेश में उपेक्षा का दंश झेलने वाले छत्तीसगढ़ की तस्वीर आज बदल गई है।
राजधानी से लेकर गांव तक यह आभास हो रहा है कि अब अपना राज्य है। मंजिल यहीं थमी नहीं है। जिस गति और जिन योजनाओं के साथ छत्तीसगढ़ में काम हो रहा है, उससे कहा जा सकता है कि आगे खुला आसमान है..।
राज्य हर क्षेत्र में नित नई मंजिलें तय कर रहा है। ऐसे ही नहीं आगे बढ़ रहा है राज्य। हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए भविष्य की रूपरेखा तय की गई। इन सबका परिणाम आज देखने को मिल रहा है जब राज्य को चौतरफा वाहवाही मिल रही है।
राज्य निर्माण के पहले तक जिस खनिज संपदा का दोहन दूसरे राज्यों के लिए होता था, उसका उपयोग यहां बढ़ गया। जिस बिजली से दूसरे क्षेत्र रोशन होते थे, उससे छत्तीसगढ़ के गांव रोशन होने लगे। राज्य निर्माण के साथ ही यहां की खूबियों पर ध्यान दिया गया। फिर छत्तीसगढ़ ने पीछे पलटकर नहीं देखा..।
इन सबका ही परिणाम है कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने वर्ष 2009-10 के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े जारी किए तो छत्तीसगढ़ 11.49 प्रतिशत के साथ देश में पहले नंबर पर पहुंच गया। इसके मायने साफ हैं राज्य ने हर क्षेत्र में तरक्की की..।
छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुजरात से लेकर महाराष्ट्र जैसे राज्य भी आज छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के मुरीद हो गए हैं। केंद्र सरकार ने राज्य के पीडीएस को मॉडल के तौर पर पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया है। योजना आयोग भी इसको पूरे देश में सबसे अच्छा मान रहा है।
पहले इसी राज्य में राशन का चावल गेहूं बाजार में बिकने की बातें आम हुआ करती थीं, लेकिन अब इस तरह का सिस्टम काम कर रहा है कि कालाबाजारी की शिकायतें थम गई हैं। दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे गरीबों को सरकार ने अपनी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा।
छत्तीसगढ़ देश का पावर हब बनने जा रहा है। एक तरह पूरे देश में इस समय 55 हजार मेगावाट बिजली की कमी है और दूसरी और छत्तीसगढ़ ने राज्य में 49 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 63 कंपनियों से एमओयू किया हुआ है। जाहिर है आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ देश के कई राज्यों की बिजली जरूरतें पूरी करने वाला है।
सुनियोजित कार्ययोजना और राज्य की ताकत को पहचानकर आगे बढ़ने का ही परिणाम यह निकला कि छत्तीसगढ़ देश में न केवल सरप्लस बिजली वाला राज्य है बल्कि बिजली प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। टाटा और एनएमडीसी के स्टील प्लांट लगने से विकास में क्षेत्रीय संतुलन बराबर होगा। साथ ही लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
इतना ही नहीं जिस दिन देवभोग के किम्बरलाइट पाइपों से हीरे का उत्खनन शुरू होगा, उस दिन राज्य की तस्वीर कुछ और नजर आएगी। राज्य की अर्थव्यवथा में हीरे की चमक साफ दिखेगी। जाहिर है, राज्य की ताकत और बढ़ेगी।
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