छत्तीसगढ़ का भोरमदेव का मंदिर छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में विशेष स्थान रखता है | यह कवर्धा जिले से 18 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम में राजनंदगांव जिले में स्थित है |
क्यों है भोरमदेव छत्तीसगढ़ का खजुराहो
भोरमदेव मंदिर सूर्य मंदिर कोणार्क और मध्यप्रदेश स्थित खजुराहो से बहुत समानता रखता है यही कारण है की भोरमदेव को छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहा जाता है |
क्या है विशेषता
भोरमदेव मंदिर की अद्वितीय वास्तुकला भगवान शिव को समर्पित है |यह मंदिर 11 वीं शताब्दी में चंदेला शैली में बनवाया गया था | यह मंदिर नागा जाति के राजा रामचंद्र द्वारा बनवाया गया था और भगवान शिव को समर्पित किया गया था |
कैसे पहुचे भोरमदेव
कवर्धा बस स्टेंड और रायपुर एरपोर्ट से भोरमदेव तक आसानी से पहुंचा जा सकता है|
प्रस्तुति : गगन गुर्जर
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